Sunday 11 September 2016

जीवन के तीन मंत

*जीवन के तीन मंत्र

        *आनंद में - वचन मत दीजिये* 
        *क्रोध में - उत्तर मत दीजिये* 
        *दुःख में - निर्णय मत लीजिये*

        *जीवन मंत्र* 

        *१)* धीरे बोलिये  शांति मिलेगी
        *२)* अहम छोड़िये  बड़े बनेंगे
        *३)* भक्ति कीजिए  मुक्ति मिलेगी
        *४)* विचार कीजिए  ज्ञान मिलेगा
        *५)* सेवा कीजिए  शक्ति मिलेगी
        *६)* सहन कीजिए  देवत्व मिलेगा
        *७)* संतोषी बनिए  सुख मिलेगा

        " *इतना छोटा कद रखिए कि* सभी आपके साथ बैठ सकें। *और इतना बड़ा मन रखिए कि* जब आप खड़े हो जाऐं, *तो कोई बैठा न रह* सके।"

           *शानदार बात*

        *झाड़ू जब तक एक सूत्र में बँधी* होती है, तब तक वह *"कचरा"* साफ करती है।

        *लेकिन वही झाड़ू जब बिखर* जाती है, तो खुद *"कचरा"* हो जाती है।

        *इस लिये, हमेशा संगठन से बंधे रहें, बिखर कर कचरा न बनें।*

              *Զเधे Զเधे*

No comments:

Post a Comment