Friday 2 September 2016

आवश्यकता से अधिक संचय

किसी ने महावीर से पुछा..
"ज़हर क्या है"..?

महावीर ने बहुत सुन्दर जबाब दिया...
"हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में
आवश्यकता से अधिक होती है
वही ज़हर है"..
फ़िर चाहे वो ताक़त हो,
धन हो, भूख हो, लालच हो,
अभिमान हो, आलस हो,
महत्वकाँक्षा हो, प्रेम हो या घृणा..
आवश्यकता से अधिक संचय "ज़हर" ही है..

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