ना कोई राह़ आसान चाहिए,,,
ना ही हमें कोई पहचान चाहिए,,,
एक चीज माँगते रोज भगवान से,, सब लोगों के चेहरे पे हर पल,,,
प्यारी सी मुस्कान चाहिये !!!
Jokes best messages inspirational quotes good morning night evening shares शुभ विचार ॐ हिंदी चुटकुले
ना कोई राह़ आसान चाहिए,,,
ना ही हमें कोई पहचान चाहिए,,,
एक चीज माँगते रोज भगवान से,, सब लोगों के चेहरे पे हर पल,,,
प्यारी सी मुस्कान चाहिये !!!
हमारी जिंदगी एक सादे कागज़ के समान है, जिस पर हर इंसान को स्वयं ही चित्रकारी करनी है।
" ईश्वर "ने हमें हमारे 'कर्म ' की ' पेंसिल ' देकर हमें चित्रकारी करने की सुविधा अवश्य दी है , परंतु सदैव ध्यान रखें...
" ईश्वर " ने हमें ऐसा कोई रबर (eraser) नहीं दिया है, जिससे हम अपनी बनाई चित्रकारी को मिटा सकें !!
ओउम् शान्ति
"कर्म"एक ऐसा रेस्टॉरेंट है ,जहाँ ऑर्डर देने की जरुरत नहीं है
हमें वही मिलता है जो
हमने पकाया हैl
जिंदगी की बैंक में जब " प्यार " का
" बैलेंस " कम हो जाता है तब
" हंसी खुशी " के चेक बाउंस होने लगते है
इसलिए हमेशा अपनों के साथ नज़दीकियां
बनाए रखिए और प्यार बांटते रहे......
"स्वभाव" रखना है तो उस "दीपक" की तरह रखो. , जो "बादशाह" के महल में भी उतनी "रोशनी" देता है,
जितनी किसी "गरीब" की "झोपड़ी" में
शुभप्रभात
"बड़ा" वो नहीं होता .....
जिसका ज्यादा बड़ा पद हो या जो धनवान हो, ....
या जिसके पास ज्यादा प्रॉपर्टी हो ...
या जिसके पास ज्यादा कार हो ......
या जो सारी यात्रा प्लेन से करता हो..
बड़ा वो है जो दही में डुबो कर खाया जाता है...
हर पोस्ट में सुविचार मत खोजा करे..
enjoy Dahi "बड़ा".
सदा न संग सहेलियां, सदा न राजा देश
सदा न जुग में जीवणा, सदा न काळा केश ।।
सदा न फूले केतकी, सदा न सावण होय
सदा न विपदा रह सके, सदा न सुख भी कोय।।
सदा न मौज बसंत री , सदा न ग्रीसम भांण
सदा न जोबन थिर रहे, सदा न संपत मांण ।।
सदा न काहूं की रही , गळ प्रीतम के बांह
ढळतां-ढळतां ढळ गई, तरवर की सी छांह ।
"तन की खूबसूरती एक भ्रम है..!
पर सबसे खूबसूरत आपकी "वाणी" है..!
चाहे तो दिल "जीत" ले..!
चाहे तो दिल "चीर" दे"!!
इन्सान सब कुछ कॉपी कर सकता है..!
लेकिन किस्मत और नसीब नही..!
"श्रेय मिले न मिले, अपना श्रेष्ठ देना कभी बंद न करें.
Never believe what the lines of your hand predict about your future,
because people who don’t have hands also have a future…
Believe in yourself…
Cornerstone of solving any problem of any magnitude is "FAITH". If u do anything half heartedly, u will invariably lose out on fulfilling it! Faith can move mountains & doubts can create a chasm which will be difficult to fill! A person with a serious disease can overcome it against all odds if u have faith in God,urself & ur Dr! If u reflect back & view ur own life u will see that there are numerous instances where ur faith has proved stronger & helped u solve problems which seemed insurmountable! Life is full of challenges! It is like a rough sea which can only be negotiated with faith, confidence & skill!
So keep feeding your FAITH...till your DOUBTS...STARVE to DEATH!
Good Morning! Have a day of self introspection & nurturing ur faith.
लोग कहते है तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है
यदि लोग सच में साथ होते तो संघर्ष की जरुरत ही नहीं पड़ती।
बात कड़वी है पर सच है....✍
लोग कहते है तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है
यदि लोग सच में साथ होते तो संघर्ष की जरुरत ही नहीं पड़ती।
बात कड़वी है पर सच है....✍
सामान कम हो तो सफर का मजा ही कुछ और है,
…. और ….
दिल में अरमान कम हो तो ज़िन्दगी का मजा ही कुछ और है…
रिश्ते और विश्वास
दोनों ही दोस्त हैं,
रिश्ता रखो, या ना रखो
पर विश्वास जरुर रखना।
जहाँ विश्वास होता हैं,
वहाँ रिश्ते अपने आप बन जाते हैं।।.
प्रशंसा से "पिघलना" मत
आलोचना से "उबलना" मत
निःस्वार्थ भाव से कर्म करो
क्योंकि -
इस 'धरा' का
इस 'धरा' पर
सब 'धरा' रह जाएगा ।
"भाग्य" के दरवाजे पर
सर पीटने से बेहतर है,
"कर्मो" का तूफ़ान पैदा करे
सारे दरवाजे खुल जायेंगे.!
परिस्थितिया जब विपरीत होती है,
तब "प्रभाव और पैसा" नहीं
"स्वभाव और सम्बंध" काम आते है ...
"फलदार पेड़ और गुणवान
व्यक्ति ही झुकते है,
सुखा पेड़ और मुर्ख
व्यक्ति कभी नहीं झुकते ।
कदर किरदार की होती है
… वरना…कद में तो साया भी
इंसान से बड़ा होता है..!!"
Our mind is a magnet..
If we think of Blessings,
we attract Blessings..
And if we think of Problems, we attract Problems..
Always cultivate good thoughts and always remain Positive & Optimistic..
Good Morning
Stay Positive!
Make a lovely day ahead....
Enjoy Life & Keep Smiling!
ध्यान....
एक बार एक गोपी यमुना किनारे
बैठी प्राणायाम कर
रही थी.तभी वहाँ नारद
जी वीणा बजाते हुए आये,नारद
जी बड़े ध्यान से देखने लगे
गोपी कर क्या रही है ?
क्योकि व्रज में कोई ध्यान
लगाये ये बात उन्हें हजम
ही नहीं हो रही थी,बहुत देर तक
विचार करते रहने पर भी उन्हें
समझ नहीं आया तो वे गोपी के और
निकट गए,और गोपी से बोले-
नारद जी - देवी ! ये आप क्या कर
रही है,बहुत देर तक विचार करने
पर भी मुझे समझ नहीं आ
रहा,क्योकि व्रज में कोई ध्यान
लगाये,वो भी इस तरह प्राणायाम
आदि नियमों सहित ऐसा तो व्रज
में कभी सुना नहीं.फिर
ऐसा क्या हो गया कि आपको ध्यान
लगाने की आवश्यकता पड़ गई ?
गोपी बोली - नारद जी ! मै जब
भी कोई काम करती हूँ तो काम
तो कर नहीं पाती हर समय वो नंद
का छोरा आँखों से ध्यान से
निकलता ही नहीं है,घर लीपती हूँ
तो गोवर में वही दिखता है
लीपना तो वही छूट जाता है और
कृष्ण के ध्यान में ही डूब
जाती हूँ,रोटी बनाती हूँ
तो जैसे ही आटा गूदती हूँ,
तो नरम-नरम आटा में कृष्ण के
कोमल चरणों का आभास होता है,
आटा तो वैसा ही रखा रह जाता है
और में कृष्ण की याद में
खो जाती हूँ, कहाँ तक बताऊ नारद
जी, जल भरने यमुना जी जाती हूँ
तो यमुना जी में,जल की गागर में,
रास्ते में, हर
कहीं नंदलाला ही दिखायी देते
है.मै इतना परेशान हो गई हूँ
कि कृष्ण को ध्यान से निकालने
के लिए ध्यान लगाने बैठी हूँ.
हमें तो भगवान को याद
करना पडता है,भगवान को याद करने
के लिए ध्यान लगाना पडता है,और
गोपी को ध्यान से निकलने के लिए
ध्यान में
बैठना पडता है.गोपी की हर
क्रिया में कृष्ण है, गोपी ने
अपने ह्रदय में केवल कृष्ण
को बैठा रखा है, और हमने ? हमने
माता-पिता को बैठा रखा है,पत्नी,
बच्चे,घर,बंगला ,गाड़ी,
व्यापार,को बैठा रखा है.
और भगवान को घर के बाहर मंदिर
में बैठा रखा है,और रात को मंदिर
में ताला भी डाल देते है
कि कही भगवान मंदिर से निकल कर
हमारे पास न आ जाए.
ध्यान....
एक बार एक गोपी यमुना किनारे
बैठी प्राणायाम कर
रही थी.तभी वहाँ नारद
जी वीणा बजाते हुए आये,नारद
जी बड़े ध्यान से देखने लगे
गोपी कर क्या रही है ?
क्योकि व्रज में कोई ध्यान
लगाये ये बात उन्हें हजम
ही नहीं हो रही थी,बहुत देर तक
विचार करते रहने पर भी उन्हें
समझ नहीं आया तो वे गोपी के और
निकट गए,और गोपी से बोले-
नारद जी - देवी ! ये आप क्या कर
रही है,बहुत देर तक विचार करने
पर भी मुझे समझ नहीं आ
रहा,क्योकि व्रज में कोई ध्यान
लगाये,वो भी इस तरह प्राणायाम
आदि नियमों सहित ऐसा तो व्रज
में कभी सुना नहीं.फिर
ऐसा क्या हो गया कि आपको ध्यान
लगाने की आवश्यकता पड़ गई ?
गोपी बोली - नारद जी ! मै जब
भी कोई काम करती हूँ तो काम
तो कर नहीं पाती हर समय वो नंद
का छोरा आँखों से ध्यान से
निकलता ही नहीं है,घर लीपती हूँ
तो गोवर में वही दिखता है
लीपना तो वही छूट जाता है और
कृष्ण के ध्यान में ही डूब
जाती हूँ,रोटी बनाती हूँ
तो जैसे ही आटा गूदती हूँ,
तो नरम-नरम आटा में कृष्ण के
कोमल चरणों का आभास होता है,
आटा तो वैसा ही रखा रह जाता है
और में कृष्ण की याद में
खो जाती हूँ, कहाँ तक बताऊ नारद
जी, जल भरने यमुना जी जाती हूँ
तो यमुना जी में,जल की गागर में,
रास्ते में, हर
कहीं नंदलाला ही दिखायी देते
है.मै इतना परेशान हो गई हूँ
कि कृष्ण को ध्यान से निकालने
के लिए ध्यान लगाने बैठी हूँ.
हमें तो भगवान को याद
करना पडता है,भगवान को याद करने
के लिए ध्यान लगाना पडता है,और
गोपी को ध्यान से निकलने के लिए
ध्यान में
बैठना पडता है.गोपी की हर
क्रिया में कृष्ण है, गोपी ने
अपने ह्रदय में केवल कृष्ण
को बैठा रखा है, और हमने ? हमने
माता-पिता को बैठा रखा है,पत्नी,
बच्चे,घर,बंगला ,गाड़ी,
व्यापार,को बैठा रखा है.
और भगवान को घर के बाहर मंदिर
में बैठा रखा है,और रात को मंदिर
में ताला भी डाल देते है
कि कही भगवान मंदिर से निकल कर
हमारे पास न आ जाए.
Nice lines
स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है,
गीता में सब कुछ है लेकिन झूठ नहीं है,
दुनिया में सब कुछ है लेकिन किसी को सुकून नहीं है,
और
आज के इंसान में सब कुछ है लेकिन सब्र नहीं
राजा भोज ने कवि कालीदास से दस सर्वश्रेष्ट सवाल किए..
1- दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना क्या है ?
उत्तर - ''मां''
2 - सर्वश्रेष्ठ फूल कौन सा है ?
उत्तर - "कपास का फूल"
3 - सर्वश्र॓ष्ठ सुगंध कौनसी है ?
उत्तर - वर्षा से भीगी मिट्टी की सुगंध
4 - सर्वश्र॓ष्ठ मिठास कौनसी ?
उत्तर - "वाणी की"
5 - सर्वश्रेष्ठ दूध ?
उत्तर - "मां का"
6 - सबसे से काला क्या है ?
उत्तर - "कलंक"
7 - सबसे भारी क्या है?
उत्तर - "पाप"
8 - सबसे सस्ता क्या है ?
उत्तर - "सलाह"
9 - सबसे महंगा क्या है ?
उत्तर - "सहयोग"
10 - सबसे कडवा क्या है?
ऊत्तर - "सत्य".
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╔══════════════════╗
║ प्रेम से कहिये जय श्री राधे ║
╚══════════════════╝
अगर मेरे पास एक रुपया है और आपके पास भी एक रुपया है और हम एक दूसरे से बदल ले तो दोनों के पास एक एक रुपया ही रहेगा।
किंतु
अगर मेरे पास एक अच्छा विचार है और आपके पास एक अच्छा विचार है और दोनों आपस में बदल ले तो दोनों के पास दो दो विचार होंगे!
है न ……!!
तो अच्छे विचारो का आदान प्रदान जारी रखिये...
और अपनी मानसिक पूंजी बढ़ाते रहिये ।
☝मंजिल वही, सोच नई
साथियों सुप्रभात अरूणोदय
अभिनंदन मां शारदे के वंदन
नमन के साथ आपका दिन
मंगलमय हो
सरस्वती वंदना जैन मुनि दयासुरि जी विरचित
छंद सारसी
बुधि विमल करणी, विबुध वारणी,रूप रमणी, निरखई|
वर दियण बाला, पद प्रवाला,
मंत्र माला हरखई|
थिर थान थंभा, अति अचंभा, रूप रंभा, भलकती|
जय जय भवानी, जगत जाणी, राज राणी , सुरसती||१
सुरराज सेवित, देख देवत, पदम पेखत आसणं|
सुख दाय सुरत, मात मूरत, दोख दुरित, नासणं|
त्रिहु लोक तारण,विघन वारण, धरा धारण धरपति|
जय जय भवानी , जगत जांणी, राज रांणी, सुरसती||२
कंटकां कोपती, लाख लोपती, अवनी ओपती, ईस्वरी|
संतां सुधारण, विघन वारण,मदन मारण तूं खरी|
खल़ दलां खंडण , छिद्र छंडण,दुष्ट दंडण, नरपति|
जय जय भवानी, जगत जाणी, राज रांणी, सरसती||३
शिव सगत सांची, रंग राची,अज अजाची,जोगणी|
मद झरत मत्ता, तरूण तत्ता,धत्त धत्ता ,योगिनी|
जीहां जपंती, मन रमंती, घवल़दंती,वरसती|
जय जय भवानी, जगत जांणी राज रांणी,सरसती||४
झणणाट झालर, धुधुमि धुप धरि,रीरीरी रव वर बज्जए|
ध ध ध्रों कि ध्रिगुदां,घघकी धिरदां,थथकि थीगुदां,गज्जए|
द्रां द्रां की द्रां द्रा,रूरुमि द्रां द्रां,ततकि त्रां त्रां, दमकती|
जय जय भवानी, जगत जांणी ,राज रांणी, सरसती||५
रिम रमक रम रम, झमकि झम झम, ठिमकि ठम ठम, नच्चए|
घम घमकि घम घम, गणकि गम गम, अति अगम नृत जच्चए|
तत थैय तत्ता, मान मत्ता, अचल आनन दरसती|
जय जय भवानी, जगत जांणी, राज रांणी, सरसती||६
जल़ थलां जांणी, पवन पांणी,वन वखाणी, वीजळी|
गिरवरां गाहण, वाघ वाहण, सरप साहण,सीतल़ी|
हद हाक थारी, हथ हजारी, धनुष धारी, भगवती|
जय जय भवानी, जगत जाणी ,राज राणी सुरसती||७
कर चक्र चालण, गर्व गाल़ण, झटक झालण ,गंजणी|
विरुदांवधारण,महिख मारण,दुक्ख दारुण भंजणी|
चरचियै चंडी, खल़ां खंडी,मुदित मंडी, मुल़कती|
जय जय भवानी, जगत जांणी, राज रांणी,सरसती||८
, कवि करै अष्टक , काट कष्टक, पिसण पष्टक, कीजईं|
मणिमौलि मंडित, पढहि पंडित,आई अखंडित,दीजई|
"दयासुरि" देवी,सुरां सेवी, नित नमेवी, जगपति|
भजिये भवानी, जगत जाणी, राज राणी सरसती||९
जय मां शारदे.
सरदार सिंह सांदू