आज का विचार.....
सम्मानित प्रतिष्ठा वह मुकाम है जो केवल ईमानदार अथक सुकर्मों से प्राप्य होती है। क्षणभंगुर प्राप्यों से मिली प्रतिष्ठा उन रेतीले स्वप्न निर्माण के सदृश होती है जो समुद्र के किनारे बनाये तो मेहनत से जाते हैं किन्तु क्षणिक होते हैं।
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