ध्यान....
एक बार एक गोपी यमुना किनारे
बैठी प्राणायाम कर
रही थी.तभी वहाँ नारद
जी वीणा बजाते हुए आये,नारद
जी बड़े ध्यान से देखने लगे
गोपी कर क्या रही है ?
क्योकि व्रज में कोई ध्यान
लगाये ये बात उन्हें हजम
ही नहीं हो रही थी,बहुत देर तक
विचार करते रहने पर भी उन्हें
समझ नहीं आया तो वे गोपी के और
निकट गए,और गोपी से बोले-
नारद जी - देवी ! ये आप क्या कर
रही है,बहुत देर तक विचार करने
पर भी मुझे समझ नहीं आ
रहा,क्योकि व्रज में कोई ध्यान
लगाये,वो भी इस तरह प्राणायाम
आदि नियमों सहित ऐसा तो व्रज
में कभी सुना नहीं.फिर
ऐसा क्या हो गया कि आपको ध्यान
लगाने की आवश्यकता पड़ गई ?
गोपी बोली - नारद जी ! मै जब
भी कोई काम करती हूँ तो काम
तो कर नहीं पाती हर समय वो नंद
का छोरा आँखों से ध्यान से
निकलता ही नहीं है,घर लीपती हूँ
तो गोवर में वही दिखता है
लीपना तो वही छूट जाता है और
कृष्ण के ध्यान में ही डूब
जाती हूँ,रोटी बनाती हूँ
तो जैसे ही आटा गूदती हूँ,
तो नरम-नरम आटा में कृष्ण के
कोमल चरणों का आभास होता है,
आटा तो वैसा ही रखा रह जाता है
और में कृष्ण की याद में
खो जाती हूँ, कहाँ तक बताऊ नारद
जी, जल भरने यमुना जी जाती हूँ
तो यमुना जी में,जल की गागर में,
रास्ते में, हर
कहीं नंदलाला ही दिखायी देते
है.मै इतना परेशान हो गई हूँ
कि कृष्ण को ध्यान से निकालने
के लिए ध्यान लगाने बैठी हूँ.
हमें तो भगवान को याद
करना पडता है,भगवान को याद करने
के लिए ध्यान लगाना पडता है,और
गोपी को ध्यान से निकलने के लिए
ध्यान में
बैठना पडता है.गोपी की हर
क्रिया में कृष्ण है, गोपी ने
अपने ह्रदय में केवल कृष्ण
को बैठा रखा है, और हमने ? हमने
माता-पिता को बैठा रखा है,पत्नी,
बच्चे,घर,बंगला ,गाड़ी,
व्यापार,को बैठा रखा है.
और भगवान को घर के बाहर मंदिर
में बैठा रखा है,और रात को मंदिर
में ताला भी डाल देते है
कि कही भगवान मंदिर से निकल कर
हमारे पास न आ जाए.
Jokes best messages inspirational quotes good morning night evening shares शुभ विचार ॐ हिंदी चुटकुले
Sunday, 1 May 2016
प्राणायाम
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment