हमारी जिंदगी एक सादे कागज़ के समान है, जिस पर हर इंसान को स्वयं ही चित्रकारी करनी है।
" ईश्वर "ने हमें हमारे 'कर्म ' की ' पेंसिल ' देकर हमें चित्रकारी करने की सुविधा अवश्य दी है , परंतु सदैव ध्यान रखें...
" ईश्वर " ने हमें ऐसा कोई रबर (eraser) नहीं दिया है, जिससे हम अपनी बनाई चित्रकारी को मिटा सकें !!
ओउम् शान्ति
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