Sunday 11 October 2015

जग जननी मात भवानी,

जग जननी मात भवानी,
सुख करणी दुख हरणी।
वाघ वाहनी शंभू राणी,
चंडिसा कुल री मात महाराणी।।
नवरात्रा नव रुप,
महान मोहवानी।
दुष्ट मारन देव तारण,
धरियां नव रुप भवानी।।
सदा मेहर राखजो,
नवदुर्गा दास जाणी।
चंडिसा कुल री धनीयाणी,
जगदम्बा मात भवानी।।
सगला मा सिरताज,
कर खड्ग सिंह वाहनी।
नवी नौरता अखंड करा,
सिमरा थाने मां कल्याणी।।
दया भाव देही सुद्ध स्मृति,
जग जननी मां जग जणी।।
अर्ज पूत शैतान मजल री,
राखजो मात मेहरबानी।
जड मति करो सुजान,
सुमति सागर देव जानी।।

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