Thursday, 2 June 2016

तुलसी जी को तोडने से पहले वंदन करो

सुप्रभात जय श्री कृष्ण

तुलसी जी को तोडने से पहले वंदन करो।

1. तुलसी जी को नाखूनों से कभी नहीं तोडना चाहिए,नाखूनों के तोडने से पाप लगता है।

2.सांयकाल के बाद तुलसी जी को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए ।

3. रविवार को तुलसी पत्र नहीं
तोड़ने चाहिए ।

4. जो स्त्री तुलसी जी की पूजा करती है। उनका सौभाग्य अखण्ड रहता है । उनके घर
सत्पुत्र का जन्म होता है ।

5. द्वादशी के दिन तुलसी को नहीं तोडना चाहिए ।

6. सांयकाल के बाद तुलसी जी लीला करने जाती है।

7. तुलसी जी वृक्ष नहीं है! साक्षात् राधा जी का अवतार है ।

8. तुलसी के पत्तो को चबाना नहीं चाहिए।

"तुलसी वृक्ष ना जानिये।
गाय ना जानिये ढोर।।
गुरू मनुज ना जानिये।
ये तीनों नन्दकिशोर।।

अर्थात-

तुलसी को कभी पेड़ ना समझें
गाय को पशु समझने की गलती ना करें और गुरू को कोई साधारण मनुष्य समझने की भूल ना करें, क्योंकि ये तीनों ही साक्षात भगवान रूप हैं"

Tuesday, 31 May 2016

मुस्कान


ना कोई राह़ आसान चाहिए,,,
     ना ही हमें कोई पहचान चाहिए,,,
         एक चीज माँगते रोज भगवान से,, सब लोगों के चेहरे पे हर पल,,,
         प्यारी सी मुस्कान चाहिये !!!

          

Sunday, 29 May 2016

जिंदगी एक सादे कागज़

हमारी जिंदगी एक सादे कागज़ के समान है, जिस पर हर इंसान को स्वयं ही चित्रकारी करनी है।
" ईश्वर "ने हमें हमारे 'कर्म ' की ' पेंसिल ' देकर हमें चित्रकारी करने की  सुविधा अवश्य दी है , परंतु सदैव ध्यान रखें...

" ईश्वर " ने हमें ऐसा कोई रबर (eraser) नहीं दिया है, जिससे हम अपनी बनाई चित्रकारी को मिटा सकें !!

ओउम्  शान्ति 

Monday, 23 May 2016

कर्म

"कर्म"एक ऐसा रेस्टॉरेंट है ,जहाँ ऑर्डर देने की जरुरत नहीं है
       हमें वही मिलता है जो
           हमने पकाया हैl
जिंदगी की बैंक में जब " प्यार " का
" बैलेंस " कम हो जाता है तब
" हंसी खुशी " के चेक बाउंस होने लगते है

इसलिए हमेशा अपनों के साथ नज़दीकियां
बनाए रखिए और प्यार बांटते रहे......
          

Wednesday, 18 May 2016

स्वभाव

"स्वभाव" रखना है तो उस "दीपक" की तरह रखो. , जो "बादशाह" के महल में भी उतनी "रोशनी" देता है,
जितनी किसी "गरीब" की "झोपड़ी" में

      शुभप्रभात

बड़ा

"बड़ा"  वो नहीं होता .....
जिसका ज्यादा बड़ा पद हो या जो धनवान हो, ....
या जिसके पास ज्यादा प्रॉपर्टी हो ...
या जिसके पास ज्यादा कार हो ......
या जो सारी यात्रा प्लेन से करता हो..

बड़ा वो है जो दही में डुबो कर खाया जाता है...

हर पोस्ट में सुविचार मत खोजा करे..
enjoy Dahi "बड़ा".

सदा न संग

सदा न संग सहेलियां, सदा न राजा देश
सदा न जुग में जीवणा, सदा न काळा केश ।।

सदा न फूले केतकी, सदा न सावण होय
सदा न विपदा रह सके, सदा न सुख भी कोय।।

सदा न मौज बसंत री , सदा न ग्रीसम भांण
सदा न जोबन थिर रहे, सदा न संपत मांण ।।

सदा न काहूं की रही , गळ प्रीतम के बांह
ढळतां-ढळतां ढळ गई, तरवर की सी छांह ।