Tuesday, 2 February 2016

जीत पक्की है

जीत पक्की है
            
कुछ करना है, तो डटकर चल, 
           थोड़ा दुनियां से हटकर चल, 
लीक पर तो सभी चल लेते है, 
          कभी इतिहास को पलटकर चल, 
बिना काम के मुकाम कैसा ? 
          बिना मेहनत के, दाम कैसा ?
जब तक ना हासिल हो मंज़िल 
          तो राह में, राही आराम कैसा ? 
अर्जुन सा, निशाना रख, मन में, 
          ना कोई बहाना रख ! 
लक्ष्य सामने है,  बस उसी पे अपना ठिकाना रख !! 
          सोच मत, साकार कर, 
अपने कर्मो से प्यार कर !
          मिलेगा तेरी मेहनत का फल, 
किसी ओर का ना इंतज़ार कर !! 
           जो चले थे अकेले उनके पीछे आज मेले है ।।
            जो करते रहे इंतज़ार वो 
जिंदगी में आज भी अकेले हैं।।

सुप्रभात अरूणोदय अभिनंदन

सुप्रभात अरूणोदय अभिनंदन
नव वंदन नव अर्चना, नित्य करूं उठ भोर।
करुणानिधि  किरपा करो, देख हमारी ओर।।
हे परमपिता परमात्मा नित्य प्रातः काल उठते ही मुझे आपका स्मरण हो आता है हे। समस्त जगत के प्राणियों के मनोभावों को जानने वाले करुणाकर मेरी भी सुध लिजिये क्योंकि प्रतिक्षण मेरी आँखें आपकी की ही और लगी रहती है

Monday, 1 February 2016

अच्छे वक्त

       मेरे अच्छे वक्त ने दुनिया को
                बताया की मैँ कैसा हुँ️
                          और
             मेरे बुरे वक्त ने मुझे बताया
                की दुनिया कैसी है ‼️

Sunday, 31 January 2016

साथ

जो लोग आपके पद, प्रतिष्ठा और पैसे से जुड़े हैं..
वो लोग आपके "साथ" खड़े रहेंगे..!

और जो लोग आपकी वाणी, विचार और वर्तन से जुड़े हैं..
वो लोग आपके "लिये" खड़े रहेंगे..!!

Friday, 29 January 2016

ज़मीर ज़िंदा रख

ज़मीर ज़िंदा रख,
कबीर ज़िंदा रख..
सुल्तान भी बन जाए तो,
दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख..

हौसले के तरकश में,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख..
हार जा चाहे जिन्दगी मे सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की वो उम्मीद जिन्दा रख....

बहना हो तो बेशक बह जा,
मगर सागर मे मिलने की
      वो चाह जिन्दा रख.....
मिटता हो तो आज मिट जा इंसान,
मगर मिटने के बाद भी इंसानियत जिन्दा रख....

Loan

पति-पत्नी दोनों बैठ कर शॉपिंग की लिस्ट बना रहे थे।

पत्नी:
सबसे पहले क्या लिखूं कि क्या लेना है?

पति:
लिखो ' Loan '

संता : मैं तो दुविधा में फँस गया हूँ.

बंता : वो कैसे?

संता : यार बीवी के मेकअप का खर्चा बर्दाश्त नहीं होता और मेकअप के बिना बीवी बर्दाश्त नहीं होती....

मुकद्दर

जो मिल गया उसे मुकद्दर समझो…
खुद को वक्त का सिकंदर समझो…
क्यों डरते हो, गम के तूफानों से…
सबको लहरें, और खुद को समंदर समझो…!!!

"दरिया" बन कर किसी को डुबोना बहुत आसान है

,मगर "जरिया" बनकर किसी को बचायें तो कोई बात बने.... . . .