Wednesday 3 February 2016

एहसास

एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा  8 रोने लगा...
पूछा मुझे क्यों मारा..?

9 बोला...
मैं बड़ा हु इसीलए मारा..

सुनते ही 8 ने 7 को मारा
और 9 वाली बात दोहरा दी

7 ने 6 को..
6 ने 5 को..
5 ने 4 को..
4 ने 3 को..
3 ने 2 को..
2 ने 1 को..

अब 1 किसको मारे
1 के निचे तो 0 था !

1 ने उसे मारा नहीं
बल्कि प्यार से उठाया
और उसे अपनी बगल में
बैठा लिया

जैसे ही बैठाया...
उसकी ताक़त 10 हो गयी..!और 9 की हालत खराब हो गई.

जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं,
कंधे  पर  किसी का  हाथ  काफी हैं,
दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता हैं,
     "अनमोल रिश्तों"
का तो बस "एहसास" ही काफी हैं !
                                               बहुत ही खूबसूरत लाईनें..

किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!

डरिये वक़्त की मार से,
बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..!

अकल कितनी भी तेज ह़ो,
नसीब के बिना नही जीत सकती..

बीरबल अकलमंद होने के बावजूद,
कभी बादशाह नही बन सका...!!"

"ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो, ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो !

एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है! इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से!

एक शानदार बात

बदला लेने  में  क्या  मजा है
मजा  तो  तब है  जब  तुम  सामने  वाले को  बदल  डालो..||

इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...

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