Monday 25 January 2016

सबका मित

जो सबका मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है.....
यदि आपके सौ मित्र भी हैं तो भी कम हैं उन्हें निरंतर और बढ़ाओ। यदि आपका एक शत्रु है, तो बहुत ज्यादा है उसे और घटाओ.....
झूठ बोलकर दोस्त बनाने से सच बोलकर दुश्मन बनाना बेहतर है....

किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है....

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