Thursday, 15 September 2016

प्रबंधन

             प्रबंधन का मतलब किसी भी कार्य को ठीक से करना है। और नेतृत्व का मतलब सही कार्य का चयन करना है।
   एक अच्छे नेतृत्व में दूरदृष्टि अथवा सोच को हकीकत में बदलने की क्षमता होती है।।
       "स्वयं में नेतृत्व क्षमता का विकास करे "

     

शरीर को चंगा रखो

"शरीर को चंगा रखो
दिमाग़ को ठंडा रखो
जेब को गरम रखो
आँखों में शरम रखो
जुबान को नरम रखो
दिल में रहम रखो
क्रोध पर लगाम रखो
व्यवहार को साफ़ रखो
होटो पर मुस्कुराहट रखो
फिर स्वर्ग मे जाने की
क्या जरूरत, यहीं स्वर्ग है
स्वस्थ रहो......व्यस्त रहो.
...

Monday, 12 September 2016

डाली से टूटा फूल

डाली से टूटा फूल फिर से
लग नहीं सकता है
         मगर
डाली मजबूत हो तो उस पर
      नया फूल खिल सकता है
उसी तरह ज़िन्दगी में
             खोये पल को ला नहीं सकते
      मगर
हौसलें व विश्वास से
          आने वाले हर पल को
               खुबसूरत बना सकते हैं।
 

Sunday, 11 September 2016

जीवन के तीन मंत

*जीवन के तीन मंत्र

        *आनंद में - वचन मत दीजिये* 
        *क्रोध में - उत्तर मत दीजिये* 
        *दुःख में - निर्णय मत लीजिये*

        *जीवन मंत्र* 

        *१)* धीरे बोलिये  शांति मिलेगी
        *२)* अहम छोड़िये  बड़े बनेंगे
        *३)* भक्ति कीजिए  मुक्ति मिलेगी
        *४)* विचार कीजिए  ज्ञान मिलेगा
        *५)* सेवा कीजिए  शक्ति मिलेगी
        *६)* सहन कीजिए  देवत्व मिलेगा
        *७)* संतोषी बनिए  सुख मिलेगा

        " *इतना छोटा कद रखिए कि* सभी आपके साथ बैठ सकें। *और इतना बड़ा मन रखिए कि* जब आप खड़े हो जाऐं, *तो कोई बैठा न रह* सके।"

           *शानदार बात*

        *झाड़ू जब तक एक सूत्र में बँधी* होती है, तब तक वह *"कचरा"* साफ करती है।

        *लेकिन वही झाड़ू जब बिखर* जाती है, तो खुद *"कचरा"* हो जाती है।

        *इस लिये, हमेशा संगठन से बंधे रहें, बिखर कर कचरा न बनें।*

              *Զเधे Զเधे*

सुभाषित

सुभाषित

मूर्खो न हि ददाति अर्थ
नरो दारिद्रयशङ्कया ।
प्राज्ञाः तु वितरति अर्थ
नरो दारिद्रयशङ्कया ॥
- भोजप्रबंध

A fool does not do charity for the fear of himself becoming poor(by losing the wealth). A wise man does charity exactly for the same fear that he may become poor if he did not do charity now.
-Bhojaprabandha

एक मूर्ख व्यक्ति इस डर से परोपकार , दान नहीं करता क्योंकि उसे लगता है कि धन खो जाने से वह गरीब हो जाऐगा ।एक बुद्धिमान व्यक्ति ठीक इस डर से दान , परोपकार करता है कि अगर उसने अभी दान किया तो वह गरीब हो सकता है।
---भोजप्रबन्ध

Wednesday, 7 September 2016

रिश्ते और बर्फ के गोले

रिश्ते और बर्फ के गोले
एक समान ही होते हैं...
जिसे बनाना तो आसान होता है
लेकिन बनाए रखना
बहुत मुश्किल होता हैं।

दोनो को बचाए रखने का
बस एक ही तरीका है...
...शीतलता बनाए रखिए...!!

Tuesday, 6 September 2016

मुस्कान


ऐ सूर्य देव मेरे अपनो को
         यह पैगाम देना;
खुशियों का दिन
         हँसी की शाम देना;
जब कोई पढे प्यार से
         मेरे इस पैगाम को;
तो उन को चेहरे पर
         प्यारी सी मुस्कान देना।
।सुप्रभात।