Sunday, 21 August 2016

पसंद और प्रेम

पसंद और प्रेम में दोनों में क्या अंतर है ?
इसका सबसे सुन्दर जवाब गौतम बुद्ध ने दिया है :- अगर तुम 1 फूल को पसन्द करते हो तो तुम उसे तोड़कर रखना चाहोगे।
लेकिन अगर उस फूल से प्रेम करते हो तो तोड़ने के बजाय तुम रोज उसमें पानी डालोगे ताकि फूल मुरझाने न पाए।
जिसने भी  इस को समझ लिया समझो उसने पूरी जिंदगी को ही समझ लिया l
�jay shri krishna

Tuesday, 16 August 2016

समाधान

पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसको कोई समस्या न हो और पृथ्वी पर कोई समस्या ऐसी नहीं है
जिसका कोई समाधान न हो समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर करेगा कि हमारा सलाहकार कौन है ये बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि
दुर्योधन शकुनि से सलाह लेता था और अर्जुन श्रीकृष्ण से ...

Thursday, 11 August 2016

अवगुण

गुण मिलने पर शादी होती है..
और
अवगुण मिलने पर दोस्ती !

'अहंकार' का 'ज्ञान'

ये इंसान भी परमात्मा ने  कैसी चीज़ बनाई है.....जिसे अपने 'ज्ञान' का
'अहंकार' तो बहुत है... लेकिन
अपने 'अहंकार' का 'ज्ञान' बिलकुल भी नहीं है....

Monday, 8 August 2016

परखता

"परखता" तो वक्त है
      कभी हालात के रूप में
      कभी मजबूरीयों के रूप में,
         भाग्य तो बस आपकी
         काबिलियत देखता है!
        जीवन में कभी किसी से
         अपनी तुलना मत करो
         आप जैसे हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं,
    ईश्वर की हर रचना अपने आप में
          सर्वोत्तम है, अदभुत है।
"सुप्रभात"आपका दिन मंगलमय हो।

मेहनत लगती है

मेहनत लगती है,
सपनो को सच बनाने मे
हौसला लगता है,
बुलन्दियों को पाने मे
बरसो लगते है
जिन्दगी बनाने मे,
ओर
जिन्दगी फिर भी कम पडती है,
रिश्ते निभाने मे।
   

Sunday, 7 August 2016

दूध

दूध उपयोगी है किंतु एक ही दिन के लिए, फिर वो बिगड जाता है.  दूध में एक बूंद छाछ डालने से वह दही बन जाता है, जो केवल एक और दिन टिकता है.  दही का मंथन करने पर मक्खन बन जाता है, यह एक और दिन टिकता है. मक्खन को उबालकर घी बनता है. घी कभी बिगडता नहीं.
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एक दिन में बिगडने वाले दूध में न बिगड़ने वाला घी छिपा है. 
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इसी तरह आपका मन अथाह शक्तियों से भरा है. उसमे कुछ सकारात्मक विचार की बिलोनी डालो, अपने को मथो अर्थात चिंतन करो और अपने जीवन को तपाओ.
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आप कभी न ख़राब होने वाले शुद्ध आत्मा बन जाओगे....