Monday, 25 January 2016

सबका मित

जो सबका मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है.....
यदि आपके सौ मित्र भी हैं तो भी कम हैं उन्हें निरंतर और बढ़ाओ। यदि आपका एक शत्रु है, तो बहुत ज्यादा है उसे और घटाओ.....
झूठ बोलकर दोस्त बनाने से सच बोलकर दुश्मन बनाना बेहतर है....

किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है....

Sunday, 24 January 2016

हारा  हुआ इंसान

अगर एक हारा  हुआ इंसान
हारने के बाद भी “मुस्करा” दे तो
जितने वाला भी जीत की खुशी खो देता हैं।

“ये है मुस्कान की ताकत”
                मुस्कराते रहो

कहते है हार से इंसान हार जाता पर में कहता हार से इन्सान ज़ीतना सीख जाता...........

Friday, 22 January 2016

मकसद

मुस्कारने के मकसद न ढूँढ,
वर्ना जिन्दगी यूँ ही कट जाएगी..!

कभी बेवजह भी मुस्कुरा के देख
तेरे साथ साथ जिन्दगी भी मुस्कुरायेगी।

प्यार

"इन्सान होता है.....
प्यार करने के लिए !
पैसा होता है ....
उपयोग करने के लिए !

किन्तु... ,

लोग प्यार पैसे से करते है !
और उपयोग इन्सान का करते है...

Wednesday, 20 January 2016

परवाह

उनकी 'परवाह' मत करो,
जिनका 'विश्वास' "वक्त" के साथ बदल जाये'

परवाह' सदा 'उनकी' करो;
जिनका 'विश्वास' आप पर "तब भी" रहे'जब आप का "वक्त बदल" जाये.
सुप्रभात
जय माताजी...

Friday, 15 January 2016

जय श्री कृष्ण

"जय" बोलने से मन को शांति मिलती हैं...

" श्री कृष्ण " बोलने से शक्ति मिलती हैं.... " जय श्री कृष्ण " बोलने से भक्ति  मिलती हैं....

भक्ति से " श्री कृष्ण " मिलते हैं...
और  श्री कृष्ण मिलते हैं तो 
"पापों  से  मुक्ति"  मिलती  है ।

इसलिये  जब भी  मिलो 
" जय श्री कृष्ण " बोलो ...
जय श्री कृष्ण

हिंदी स्कूल

गाँव के कुएँ पर 3 महिलाएँ पानी भर रही थीं।

तभी एक महिला का बेटा वहाँ से गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो, मेरा बेटा,
                             इंग्लिश मीडियम में है। "

थोड़ी देर बाद दूसरी महिला का पुत्र गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो मेरा बेटा,
                             सीबीएसई में है। "

तभी तीसरी महिला का पुत्र वहाँ से गुजरा,
दुसरे बेटों की तरह ही उसने भी अपनी माँ को देखा
और माँ के पास आया।
पानी से भरी गघरी उठाकर उसने अपने कंधे पर रखी,
दुसरे हाँथ में भरी हुई बाल्टी सम्हाली और
माँ से बोला---" चल माँ, घर चल। "

उसकी माँ बोली---" ये हिंदी स्कूल में पढता है। "
उस माँ के चेहरे का आनंद देख बाकी दूसरी
दो महिलाओं की नजरें झुक गईं।

उपरोक्त कथा का तात्पर्य सिर्फ यही है कि,
लाखों रुपए खर्च करके भी संस्कार नहीं खरीदे
जा सकते...!!

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